दागदार डामोर को टिकिट देकर किया उपकृत*

435 Views

*दागदार डामोर को टिकिट देकर किया उपकृत*

*(डॉ.अर्पण जैन-खबर हलचल न्यूज)*

झाबुआ | बीजेपी ने झाबुआ सीट से पीएचई के रिटायर्ड अधिकारी जी.एस. डामोर को असमित एवं अनियंत्रित भ्रष्टाचार करने का ईनाम देकर अपना प्रत्याशी बना दिया है। डामोर पर विभाग में कार्यपालन यंत्री से प्रमुख अभियंता पद पर रहते हुए असिमित भ्रष्टाचार किया है । यह भ्रष्टाचार के आरोप में निलंबित भी हुए थे और अनेक प्रकरणों में लोकायुक्त ने इन्हे गंभीर आर्थिक अनियमितताओं का दोषी पाया था। अपने राजनैतिक रसूख से तथा पत्नि श्रीमती सूरज डामोर के प्रशासनिक प्रभाव से ये हर बार बचते रहे हैं। परन्तु इनके पूर्व कार्यकाल में इनके कार्यकलापों को देखकर इनके विरूद्ध हुई विभागीय जांचों, आरोपों को देखकर कोई भी व्यक्ति इनके भारी भ्रष्टाचार के कारनामों से असहमत नही हो सकता।
डी.आई. पाईप लाईन में निर्माता को करोड़ों रूपयों की एक्साईज ड्यूटी का लाभ देकर शासन को नुकसान पहुंचाने का कारनामा भी कर चुके हैं। फर्जी खरीदी में लाखों का भ्रष्टाचार करने में डामोर का कोई सानी नही है । रिटायर होने से कुछ समय पूर्व मैकेनिकल के पद पर कार्यपालन यंत्री को फंसाने की साजिश के ये सबसे बड़े कलाकार रहे हैं। इन्होने बिना किसी शिकायत के 80 लोगों की भारी भरकम टीम बनाकर इन कार्यपालन यंत्री की फर्जी जांच कराई हर सदस्य पर दबाव डालकर कार्यपालन यंत्री की जांच रिपोर्ट बनाकर लोकायुक्त को भेजी, जब कार्यपालन यंत्री ने लोकायुक्त को शपथ-पत्र दिया कि यह जांच रिपोर्ट पूरी तरह से डामोर की साजिश है, तब लोकायुक्त ने स्वयं अपने स्तर से पुनः जांच कराई जिसमें डामोर द्वारा तैयार कराई गई जांच रिपोर्ट पूरी तरह कूट-रचित एवं फर्जी पाई गई । लोकायुक्त ने अब टीम के सभी 80 सदस्यों के विरूद्ध कार्यवाही के लिये लिखा है और इसी बीजेपी सरकार ने इन सभी को नोटिस जारी कर दिया है और विडम्बना है कि मुख्य साजिशकर्ता को बीजेपी से टिकिट दे दिया है।

लोकायुक्त प्रा.जा. क्रमांक 161/2015 विरूद्ध लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग, खण्ड, इन्दौर के अधिकारीगण एवं अन्य के संबंध में लोकायुक्त संगठन ने प्रश्नाधीन शिकयत में उल्लेखित अभिकथनों की जांच हेतु  पुलिस अधीक्षक, विशेष पुलिस स्थापना, लोकायुक्त संगठन इन्दौर को प्रमुख अभियंता लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग, भोपाल द्वारा उपलब्ध कराये गये जांच प्रतिवेदन के परिक्षणों उपरांत उल्लेखित विभिन्न कंडिकाओं के संबंध में, प्रकरण के संबंधित जानकारी/अभिलेख/टीप तथा अनावेदक श्री चेतन रघुवंशी से प्राप्त स्पष्टीकरण एवं संगठन व विभाग के अधिकारियों द्वारा किये गये स्थल निरीक्षण प्रतिवेदन के संगठन स्तर पर परीक्षणों उपरांत पाया गया कि विभाग द्वारा की गई जांच कूटरचित जांच प्रतिवेदन तैयार कर फर्जी नाम से लोकायुक्त को शिकायत कराई गई। शिकायतकर्ता, जांच, कथन, जांच प्रतिवेदन फर्जी, कूटरचित व भ्रामक है।

इस प्रकार अधिकारियों व कर्मचारियों ने मिलकर एक षड़यंत्र रचकर कार्यपालन यंत्री को फंसाने का प्रयास किया, लेकिन जांच में कार्यपालन यंत्री निर्दोष पाये गये।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Translate »