देवास-कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी डॉ. श्रीकान्त पाण्डेय ने बताया कि विधानसभा निर्वाचन 2018 में आदर्श आचरण संहिता का कड़ाई से पालन सुनिश्चित कराने तथा निर्वाचन व्यय पर नियंत्रण हेतु विभिन्न स्तर पर कार्यवाहियां जारी है। उन्होंने बताया कि कोई भी व्यक्ति, संस्था द्वारा किसी अभ्यर्थी की बगैर अनुमति के उसके संबंध में प्रचार-प्रसार नहीं कर सकता है। उन्होंने बताया कि इस संबंध में भारतीय दंड संहिता 1860 की धारा 171 ज में प्रावधान किया गया है कि जो कोई किसी अभ्यर्थी के साधारण या विशेष लिखित प्राधिकार के बिना ऐसे अभ्यर्थी का निर्वाचन अग्रसर करने या निर्वाचन करा देने के लिए कोई सार्वजनिक सभा करने में या किसी विज्ञापन परिपत्र या प्रकाशन पर या किसी भी अन्य ढंग से व्यय करेगा, या करना प्राधिकृत करेगा वह जुर्माने से जो 500 रुपए तक हो सकेगा, दंडित किया जाएगा।
परंतु यदि कोई व्यक्ति जिसने प्राधिकार के बिना कोई ऐसे व्यय किए हो जो कुल मिलाकर 10 रुपए से अधिक न हों, उस तारीख से जिस तारीख को ऐसे व्यय किए गए हों 10 दिन के भीतर उस अभ्यर्थी का लिखित अनुमोदन प्राप्त कर लें तो यह समझा जाएगा कि उसने ऐसे व्यय उस अभ्यर्थी के प्राधिकार से किए हैं।
अभ्यर्थी की अनुमति के बिना प्रचार-प्रसार नहीं किया जा सकेगा
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