भोपाल. आरक्षण और एट्रोसिटी एक्ट के मामले में राज्य सरकार के साथ-साथ विपक्षी दल कांग्रेस की मुश्किल भी बढ़ती जा रही हैं। राज्य के इन दोनों बड़े दलों को अब ओबीसी-एससी-एसटी वर्ग ने बड़ी चुनौती दी है। रविवार को राजधानी में पिछड़ा वर्ग, अनुसूचित जाति, जनजाति संयुक्त मोर्चा का बड़ा सम्मेलन हुआ। जिसमें प्रदेश भर से हजारों, कारों ओर बसों से 5लाख से अधिक लोग पहूंचे।भोपाल मे हर तरफ जाम की स्थिति पैदा हो गई थी।
भेल दशहरा मैदान में हुए सम्मेलन में मोर्चा में शामिल 65 संगठनों के 60 से ज्यादा वक्ताओं ने खुले मंच से कहा कि अगले विधानसभा चुनाव में किसी भी सवर्ण उम्मीदवार को वोट नहीं देंगे। एट्रोसिटी एक्ट से छेड़छाड़ बर्दाश्त नहीं की जाएगी। कार्यक्रम में ओबीसी वक्ताओं ने मांग की कि मप्र में भी ओबीसी को 14 की जगह 27 फीसदी आरक्षण मिलना चाहिए।
रविवार सुबह 11:00 से शाम 5:00 बजे तक लगातार 6 घंटे चली सभा में ज्यादातर वक्ताओं का भाषण आरक्षण, एट्रोसिटी एक्ट के इर्द-गिर्द की केंद्रित रहा। इन वक्ताओं ने राज्य की भाजपा सरकार के रवैये पर भी आक्रोश जताया। बीच-बीच में वक्ताओं व श्रोताओं ने झंडे लहराकर आरक्षण के समर्थन में नारेबाजी की इस अवसर पर पुर्व आइएएस लखनलाल ओर आइएफएस आजादसिंह डबास भी पहुंचे। इससे पहले प्रदेशभर से लोग बसों,कारों से लाखों की संख्या मे सभास्थल तक पहुंचे। शाम करीब पांच बजे मंच पर ही एडीएम संतोष वर्मा, एसडीएम मुकुल गुप्ता, एएसपी दिनेश कौशल ने आकर ज्ञापन लिया।