देवास। वर्ष 2007 में हुए एक विवाद के दौरान पिता-पुत्र ने मिलकर एक युवक की हत्या कर दी थी। न्यायालय ने फैसला सुनाते हुए तीन को आजीवन कारावास की सजा सुनाई व दोआरोपियों को बरी कर दिया गया। दरअसल विशेष न्यायालय के न्यायाधीश योगेश चंद्र गुप्त ने फैसला सुनाते हुए आरोपी मोहन सिंह पिता रामचंदर बैस व दिनेश सिंह पिता मोहनसिंह बैंस कथा राजेंद्र सिंह पिता मोहनसिंह बैस सभी निवासी तुकोगंज रोड को दिलावर की हत्या के आरोप में आजीवन कारावास की सजा सुनाई तथा दो अन्य आरोपी जुझार सिंह पिता सोभानसिंह निवासी विजय नगर व हरिनारायण पिता पन्नालाल अकोदिया निवासी बालगढ़ को बरी किया। दूसरे पक्ष के आरोपी युवराज सिंह बैस उर्फ सोनू पिता राजेन्द्र सिंह बैस को भी दो वर्ष कारावास की सजा सुनाई है। पैरवी शासकीय अभिभाषक अशोक चावला ने की।
एक नजर पूरे घटनाक्रम पर…
9 नवंबर 2007 को शाम 5.30 बजे दीपावली के दिन युवराजसिंह बैस उर्फ सोनू पिता राजेन्द्रसिंह बैस निवासी विश्रामबाग व पृथ्वीराज मोटर साइकिल से सयाजी द्वार की और से एमजी रोड की तरफ जा रहे थे तभी तहसील चौराहे पर राजेंद्र सिंह व दिनेश सिंह जो एक दैनिक समाचर पत्र के कार्यालय के पास खड़े थे। इन्होंने आवाज देकर रोका व गाली देते हुए चाकू दिखाकर दैनिक समाचर पत्र के कार्यालय में उपर ले गए। मौका देखकर पृथ्वीराज भाग गया था। कार्यालय में ऊपर मोहन सिंह, जुझार सिंह व हरिनारायण आपस में लेन-देन की बात को लेकर विवाद कर रहे थे युवराज को राजेंद्र व दिनेश जैसे ही ऊपर ले गए यह तीनों भी युवराज के साथ मारपीट करने लगे तभी पृथ्वीराज ने भी अपने साथी रईस पिता इब्राहिम खान निवासी दिग्गीराजा नगर रसूलपुर तथा दिलावर को बुला लिया था तब दिनेश और राजेंद्र ने दिलावर को पकड़ लिया और मोहन सिंह ने दिलावर को जान से मार डालने के इरादे से पेट और सीने में 3-4 चाकू से वार कर दिए जिससे दिलावर खून से लथपथ गिर पड़ा इस दौरान मोहन सिंह युवराज को भी मारने दौड़े और चाकू से वार भी किया किंतु वह बच गया। घटना के बाद पुलिस ने दिलावर को अस्पताल पहुंचाया था उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई थी। मामला वर्ष 2007 से ही न्यायालय में विचारधीन था अब जाकर मामले में फैसला आया।
इस मामले में एक और फैसला भी आया है। दुसरे पक्ष पर भी मारपीट और जान से मारने का मामला दर्ज हुआ था जिसमे कोर्ट ने आरोपी युवराज सिंह बैस उफऱ् सोनू पिता राजेन्द्र सिंह बैस को दो वर्ष के कारावास की सजा सुनाई है और रईस पिता इब्राहीम खान को बरी किया गया है।