प्रिन्स बैरागी
देवास-आज के इस वैज्ञानिक डिजिटल युग मे भी कुछ चमत्कार ऐसे होते है कि जहाँ विज्ञान की खोज भी थक जाती है और श्रद्धा स्वयं नतमस्तक हो जाती है।ऐसा ही कुछ इस बार भी होगा हाटपीपल्या नगर में ।प्रतिवर्ष यह जलझूलनी एकादशी ग्यारस को भगवान नरसिंह की साढ़े सात किलो वजनी पाषाण प्रतिमा पानी मे तेराई जाती है और बात का गवाह बनता है हजारो की संख्या में मौजूद वहाँ का जनसमुदाय। भमोरी नदी में प्रतिमा को करीब तीन या चार बार पानी मे तिरिया जाता है और प्रतिमा जितनी अधिक बार पानी मे तैरती है उसी के अनुसार पूरे वर्षभर का भविष्य क्या होगा यह तय हो जाता है।जितनी अधिक बार प्रतिमा तैरती है समझो वर्ष उतना अधिक समृद्धता ओर खुशहाली देगा।
प्रतिवर्ष होने वाले इस चमत्कार को देखने के लिए दूर दूर से हजारों की संख्या में जनसैलाब हाटपीपल्या के नरसिंह घाट पर जमा होता है। वर्षो से ये परिपाटी अनवरत चलती आ रही है।और प्रतिवर्ष लोगो की आस्था में बढ़ोतरी करती जा रही है।
स्थानीय प्रशासन भी इस धार्मिक आयोजन में माकूल व्यवस्था कर अपनी उपस्थिति दर्शाता है