प्रिन्स बैरागी
देवास–आये दिन एक के बाद एक दुर्घटनाओ में हो रही मौत इन सब बातों से स्पष्ट हो गया है कि देवास शहर की यातायात व्यवस्था पुलिस के नही बल्कि भगवान भरोसे चल रही है।लगातार हो रही दुर्घटनाये यातायात व्यवस्था पर प्रश्न चिन्ह लगा रहे है।ऐसा नही है कि पुलिस व्यवस्था नही है।सबकुछ है लेकिन ये सबकुछ भूलकर केवल चालान काटने ओर छोटे दुकानदारों को क्रेन का सहारा लेकर चमकाने में लगे है।आये दिन टाइम ओर सवारी बिठाने की अंधी दौड़ में किसी न किसी बेगुनाह को अपनी जान से हाथ धोना पड़ता है।इतना सबकुछ होने के बाद भी विभाग इस ओर कोई ध्यान नही दे रहा है। बड़े बड़े त्योहार नजदीक आ रहे हैं और व्यवस्था है कि बद से बदतर होती है रही है। जिसकी झा मर्जी हो बस या मैजिक खड़ी कर सवारी बिठाने या बात करने लग जाता है।ट्रैफिक सिग्नल या नियम का तो कोई मतलब देवास शहर में है ही नही।सब अपनी मर्जी के मालिक है यदि यही आलम रहा तो वह दिन दूर नही जब दुर्घटनाओ के चलते शहर में मरने वालों की सँख्या में बढ़ोतरी आएगी।आखिर यातायात विभाग कब तक आंखे मूंद कर अपनी ड्यूटी करता रहेगा।या किसी बड़ी दुर्घटना के बाद सचेत होगा।
बेलगाम यातायात व्यवस्था, चालान काटने में मशगूल हुई पुलिस।
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