(ख़बर हलचल न्यूज़)
खरगौन। मोक्षदा एकादशी बुधवार को निमाड़ की आध्यात्मिक पहचान संत सियाराम बाबा का प्रभु मिलन हो गया, और पार्थिव देह को नर्मदालीन किया गया। कल लाखों भक्तों का ताँता लगा हुआ था, प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव भी अंतिम यात्रा में शामिल हुए थे।
गुरुवार को बाबा के भक्तों और भट्याण निवासियों के चेहरे की मायूसी बता रही कि बाबा के जाने से भटयाँण सूनी हो गई।
भक्त संतोष ने कहा कि ‘कल तक बाबा के होने से हम सबको उम्मीद रहती थी, अब हम अपने नाथ के बिना अकेले हो गए।’
वही रुकमा बाई का कहना है कि ‘बाबा अभी भी यही है, कहीं नहीं गए, हमेशा यही रहेंगे।’
ख़बर हलचल की जनता से हुई बातचीत में लोग यही कहते नज़र आये कि हम अनाथ हो गए, बाबा के रहने से शक्ति रहती थी।
मुख्यमंत्री ने भटयाँण को सियाराम धाम बनाने की घोषणा की है, लोगों का मानना है कि यह धाम भव्य बनना चाहिए, इससे बाबा की शिक्षाएँ और नर्मदा नेह को जीवंत रखा जा सकेगा।