प्रधानमंत्री जनजातीय उन्नत ग्राम अभियान के अन्तर्गत जिले के 56 गाँवों का चयन
कलेक्टर श्री आशीष सिंह द्वारा ली गई बैठक
इंदौर। जिले में 15 नवम्बर से 26 नवम्बर तक जनजातीय गौरव दिवस के उपलक्ष्य में अनेक कार्यक्रमों का आयोजन किया जायेगा। इस दौरान चिन्हित गाँवों में ग्रामसभाएं भी होंगी। प्रधानमंत्री जनजातीय उन्नत ग्राम अभियान के अन्तर्गत चिन्हित सभी 56 ग्रामों में विशेष कार्यक्रम होंगे। इन कार्यक्रमों में बिरसा मुण्डा सहित अन्य जनजातीय गौरव के जीवन, कृतित्व एवं व्यक्तित्व पर आधारित कार्यक्रम आयोजित किये जाएंगे। इस संबंध में प्रदर्शनी भी लगायी जायेगी। जिले में प्रधानमंत्री जनजातीय उन्नत ग्राम अभियान के अन्तर्गत जनजातीय परिवारों की परिपूर्णता के लक्ष्य को हासिल करने और उनकी सामाजिक, शैक्षणिक तथा आर्थिक स्थिति में सुधार लाने के उद्देश्य से 56 गाँवों का चयन किया गया है।
यह जानकारी आज यहां कलेक्टर श्री आशीष सिंह की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई बैठक में दी गई। बैठक में जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री सिद्धार्थ जैन तथा अपर कलेक्टर श्रीमती ज्योति शर्मा सहित अन्य संबंधित अधिकारी मौजूद थे। बैठक में कलेक्टर श्री आशीष सिंह ने निर्देश दिये कि इस अभियान के तहत चिन्हित गाँवों का राज्य शासन द्वारा दिये गये दिशा-निर्देशानुसार निर्धारित प्रारूप में आगामी 15 दिनों में सर्वे का कार्य पूरा कर लिया जाये। निर्धारित मापदण्ड अनुसार हर एक गाँव की कार्ययोजना भी पूर्णता के साथ तैयार की जाये। उन्होंने निर्देश दिये कि आगामी 15 नवम्बर से 26 नवम्बर तक जनजातीय गौरव दिवस के उपलक्ष्य में प्रभावी कार्यक्रमों का आयोजन किया जाये। इन कार्यक्रमों में इस अभियान के संबंध में भी विस्तार से जानकारी दी जाये। चिन्हित हर गाँव में विशेष शिविर भी लगाये जायें। इनमें आधार कार्ड, आयुष्मान कार्ड बनाने का कार्य किया जाये। साथ ही सभी पात्र किसानों को पीएम किसान योजना से जोड़ा जाये। बैठक में बताया गया कि प्रधानमंत्री जनजातीय उन्नत ग्राम अभियान का उद्देश्य भारत सरकार की विभिन्न योजनाओं के माध्यम से सामाजिक बुनियादी ढांचे, स्वास्थ्य, शिक्षा, आजीविका में महत्वपूर्ण अंतराल को भरना और पीएम जनमन (प्रधानमंत्री जनजातीय आदिवासी न्याय महा अभियान) की सीख और सफलता के आधार पर जनजातीय क्षेत्रों एवं समुदायों का समग्र और सतत विकास सुनिश्चित करना है। इस मिशन में 25 कार्यक्रम शामिल हैं, जिन्हें 18 विभागों द्वारा कार्यान्वित किया जाएगा। प्रत्येक मंत्रालय/विभाग अनुसूचित जनजातियों के लिए विकास कार्य योजना (डीएपीएसटी) के तहत उन्हें आवंटित धनराशि के माध्यम से अगले 5 वर्षों में समयबद्ध तरीके से इससे संबंधित योजना के कार्यान्वयन के लिए उत्तरदायी होंगे।