सड़क पर अतिक्रमण करने वालों के साथ अब कोई रियायत नहीं
महापौर ने कहा निगम में बनाया जाएगा ट्रैफ़िक इंजीनियरिंग सेल
सांसद बोले- मेट्रो ट्रेन का दायरा उज्जैन, देवास और पीथमपुर तक बढ़ाया जाए
आईडी अध्यक्ष ने कहा- कुछ मुद्दे हाथ में लें और ज़मीनी स्तर पर काम करें, तभी शहर का ट्रैफ़िक ठीक होगा
कलेक्टर इलैया राजा ने कहा- ट्रैफ़िक सुधार के लिए हर सप्ताह सबसे बात करेंगे
इंदौर। ‘यातायात प्रबंधन को स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल किया जाए। ट्रैफ़िक इंजीनियरिंग सेल बनाया जाए। अधिक से अधिक पार्किंग ज़ोन बनाए जाएँ। स्कूल बस परिचालन का समय अलग-अलग हो। सड़कों पर अतिक्रमण करने वालों से सख्ती से निपटा जाए।’ ये विचार सांसद, कलेक्टर, महापौर, आईडीए अध्यक्ष सहित शिक्षाविद्, मीडिया प्रतिनिधि, व्यापारिक और सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों के हैं, जो उन्होंने इंदौर प्रेस क्लब द्वारा आयोजित ‘कैसे सुधर सकता है इंदौर का ट्रैफ़िक’ विषय पर एक रचनात्मक संवाद में व्यक्त किए।
विषय प्रवर्तन करते हुए इंदौर प्रेस क्लब अध्यक्ष अरविंद तिवारी ने कहा कि जब इंदौर स्वच्छता में लगातार नंबर वन आ सकता है तो सुगम यातायात में क्यों नहीं! इसके लिए हमें विभिन्न संगठनों के साथ समन्वय बनाना होगा और हर व्यक्ति को यह संकल्प लेना होगा कि वह यातायात के नियमों का पालन करेगा।
सांसद शंकर लालवानी – इंदौर के सुगम यातायात की जवाबदारी किसी एक व्यक्ति या संस्था की नहीं होकर सबकी है। यातायात समिति ज़रूरी है। शहर में रोज़ाना तीन लाख लोगों की आवाजाही होती है। इसलिए मेट्रो ट्रेन के रूट का विस्तार उज्जैन, देवास, पीथमपुर तक होना चाहिए। इसका प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा गया है।
महापौर पुष्यमित्र भार्गव – निगम प्रशासन ने शहर में इन्टीग्रेटेड ट्रैफ़िक सिस्टम लागू कर दिया है। इसका लाभ यह होगा कि ई-चालान के साथ ही गाडिय़ों को ट्रेस किया जा सकेगा। यह सुरक्षा की दृष्टि से भी काफ़ी फ़ायदेमंद है। सुगम यातायात के लिए शीघ्र ही ट्रैफ़िक सेल बनाएँगे और एक इन्फ्रास्ट्रक्चर तैयार करेंगे। तीन नए पुलों के नीचे हॉकर ज़ोन बना दिए गए हैं, इसके बावजूद आमजन फुटपाथ के किनारे बैठे ठेले वालों से ही ख़रीददारी करते हैं। इस मानसिकता को बदलने की ज़रूरत है। शहर को तोडऩे की अब अधिक गुंजाइश नहीं है, इसलिए लोग अब यातायात को सुव्यवस्थित करने के लिए अपनी मानसिकता में बदलाव लाएँ।
आईडीए अध्यक्ष जयपालसिंह चावड़ा- आईडीए नए वर्ष में कई पुल बनाने जा रहा है। सुगम यातायात के लिए हम कुछ मुद्दे हाथ में लें और उस पर ज़मीनी स्तर पर काम करें, तभी हम यातायात को सुगम बना सकते हैं। शहर में अधिक से अधिक पार्किंग बनाए जाएँ, ताकि सड़कों पर वाहन खड़े न हों और ट्रैफ़िक भी सुगम रहे।
कलेक्टर डॉ. इलैया राजा टी – इंदौर शहर का विस्तार अपेक्षा से अधिक तेज़ी से हो रहा है। इसलिए शहर में मूवमेंट चारों तरफ़ हो रहा है। मूवमेंट का अर्थ ही विकास होता है, लेकिन इस विकास में यातायात बाधक बन रहा है। इसे सुव्यवस्थित करना ज़रूरी है। मेरे लिए ये गंभीर विषय है और हम सप्ताह में एक दिन सभी व्यापारिक, सामाजिक संगठनों और विशेषज्ञों के साथ बैठकर इसकी समीक्षा करेंगे। यदि शहर में ई-रिक्शा और ठेलेवाले यातायात को बाधित करते हैं तो पहले उनका पक्ष जानना भी ज़रूरी है और सामूहिक ज़िम्मेदारी के साथ वैज्ञानिक तरीके से काम करने की ज़रूरत है, हम इस पर काम करेंगे।
डीसीपी (यातायात) महेशचंद्र जैन – सड़कों के मुकाबले वाहनों की संख्या तीन गुना है। ट्रैफ़िक को लेकर सख्ती बरतने की ज़रूरत है। इसके लिए यातायात पुलिस के पास पर्याप्त संसाधन नहीं है। सुगम यातायात के लिए नगर निगम के पास 100 करोड़ खर्च करने का प्रावधान है। यदि निगम चाहे तो संविदा के आधार पर 1000 ट्रैफ़िक मित्रों को नियुक्त कर सकती है। इस पर महज़ 18 से 20 करोड़ रुपए खर्च होंगे।
नईदुनिया के स्टेट एडिटर सद्गुरुशरण अवस्थी – इंदौर के लोग ख़ासकर युवा वर्ग रेड लाइट का सम्मान नहीं करते हैं। हेलमेट नहीं लगाते और कार में सीट बेल्ट भी नहीं लगाते। बिना सख्ती के यातायात सुधरना संभव नहीं। यातायात को सुगम बनाने के लिए शहर में एलीवेटेड ब्रिज बनना चाहिए। रोड सेफ्टी और ट्रैफ़िक रूल पर और काम होना चाहिए।
अग्निबाण के प्रधान संपादक राजेश चेलावत – शहर में प्रतिवर्ष डेढ़ लाख वाहनों की बढ़ोतरी हो रही है। लोग रात्रि में अपने वाहन सड़कों पर खड़े कर देते हैं, जो यातायात में बाधक है। अत: ऐसे वाहन मालिकों से प्रशासन नाइट पार्किंग शुल्क के रूप में वसूले और उस राशि का इस्तेमाल सुगम यातायात में कर सकता है। जिस तरह नगर सुरक्षा समिति बनाई गई है, उसी तरह यातायात सुरक्षा समिति भी बनाई जाए।
इंजीनियर अतुल सेठ – ट्रैफ़िक मैनेजमेंट के पहले ट्रैफ़िक सर्वे होना चाहिए। साथ ही ट्रैफ़िक इंजीनियरिंग सेल होना चाहिए। इंदौर गोलाई में बसा है, इसलिए यहां दूसरे शहरों का मॉडल नहीं चल सकता। स्कूली बसें और सिटी बसों का सही उपयोग होना चाहिए।
सीबीएससी एडेड स्कूल के अध्यक्ष अनिल धूपड़ – स्कूल की सारी बसें एक समय में नहीं निकाली जाएँ। बसों के लिए पार्किंग ज़ोन होना ज़रूरी है। बच्चों को यातायात के नियम सिखाए जाएँ और उसे स्कूली पाठ्यक्रम जोड़ा जाए।
सेनि. पुलिस अधीक्षक आर.एस. राणावत – निगम प्रशासन रोज़ाना रिमूवल गैंग चलाए और सख्ती से अतिक्रमण हटाए। ट्रैफ़िक सिग्नल का टाइम व्यवस्थित करे ताकि लोगों को रेड लाइट पर अनावश्यक रुकना न पड़े, रोड मार्किंग करें, स्कूल बसों का टाइम बदलें तथा मेट्रो को पीथमपुर से देवास, इंदौर होते हुए उज्जैन चलाए।
सहोदय की अध्यक्ष कंचन तारे – इंदौर को चार ज़ोन में बांटा जाए। यातायात नियमों को तोडऩे वालों के ख़िलाफ़ सख्ती होना ज़रूरी है। लड़कियों के भी चालान बनाए जाएँ। अभिभावक छोटे बच्चों को गाड़ी चलाने को न दें।
क्लाथ मार्केट एसोसिएशन के मंत्री कैलाश मूंगड़ – निगम प्रशासन ने क्लाथ मार्केट सीतला माता बाज़ार में सड़कें तो चौड़ी कर दीं, लेकिन उस पर रिक्शा और ठेलेवालों ने कब्ज़ा कर रखा है। अत: क्षेत्रीय थाना प्रभारी और ज़ोनल अधिकारी की ज़िम्मेदारी तय हो।
सीतला माता बाज़ार के पप्पू सीकची – शहर में बड़ी संख्या में बिना परमिट के ऑटो रिक्शा दौड़ रहे हैं और सड़कों पर ठेले वालों का कब्ज़ा है, जो यातायात में बाधक है।
सेवा सुरभि के संयोजक ओम नरेडा – कालोनियों में भी पार्किंग की समस्या खड़ी हो रही है। जिसके कारण बगीचों में भी लोग अपनी पार्किंग कर रहे हैं, जो एक बड़ी समस्या है। ट्रैफ़िक लेन भी ग़लत बनी हुई हैं, इसका निराकरण होना भी ज़रूरी है।
अभ्यास मंडल के अध्यक्ष रामेश्वर गुप्ता – अधिक से अधिक सुव्यवस्थित लेफ्ट टर्न बनाए जाएँ और फ्लाइ ओवर अंडरपास नहीं होना चाहिए। एनसीसी और स्काउट के बच्चों को यातायात व्यवस्थित करने के लिए इनकी सेवाएँ ली जा सकती हैं।
वरिष्ठ पत्रकार जयदीप कर्णिक – यातायात प्रबंधन की समुचित व्यवस्था हो और लोक परिवहन पर ध्यान दिया जाए। अगर हम स्वच्छता में बदलाव ला सकते हैं तो ट्रैफ़िक में भी ला सकते हैं। ट्रैफ़िक को सुव्यवस्थित करने के लिए मीडिया को पहल करना चाहिए।
सराफा व्यापारी एसोसिएशन के अध्यक्ष अविनाश शाफी – सराफा में व्यापारियों के वाहनों के लिए प्रशासन पार्किंग बनाए। वर्तमान में व्यापारियों के वाहन दुकानों के सामने ही खड़े रहते हैं, जिससे यातायात बाधित होता है।
ट्रैफ़िक एक्सपर्ट प्रताप नायर – इंदौर अनियोजित शहर है। यहां नागरिकों में सिविल सेंस की कमी है। चार पहिया वाहन मालिक यदि दो पहिया वाहन चलाएँगे तो सड़कों पर सुचारू यातायात रहेगा।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के संपर्क प्रमुख विनय पिंगले – शहर में जगह की कमी है, इसलिए निर्माण कार्य वर्टीकल होना चाहिए। अभिभावक अपने बच्चों को डेढ़ किलोमीटर दायरे के स्कूलों में ही पढ़ने भेजते हैं। हर चौराहे पर यदि पुलिस प्रशासन यातायात के नियमों का पालन करवाती है तो ट्रैफ़िक बाधित नहीं होगा।
पूर्व कलेक्टर सी.बी. सिंह – शहर में जितनी आबादी है, उतने ही वाहन हैं। इसलिए वाहनों पर नियंत्रण ज़रूरी है। यातायात प्रबंधन को पाठ्यक्रम में शामिल किया जाए।
सियागंज व्यापारी एसोसिएशन के अध्यक्ष रमेश खंडेलवाल – एकांकी मार्गों का खुलेआम उल्लंघन होने से यातायात बाधित होता है। पुलिस केवल चालानी कार्यवाही ही करती है। यातायात सुरक्षा सप्ताह केवल औपचारिकता बनकर रह जाता है।
राजकुमार जैन – यदि राजनेता आगे आकर लोगों को यातायात के नियमों का पालन करवाएँ तो सुधर सकता है ट्रैफ़िक, क्योंकि नेता जनता को जल्दी प्रभावित करते हैं। जब शहर में कोई बड़ी हस्ती आती है तो ट्रैफ़िक का पालन होता है, बाद में यथास्थिति देखने को मिलती है।
इंदौर उत्थान अभियान के अध्यक्ष अजीत सिंह नारंग – सुगम यातायात के लिए शिक्षा, इंजीनियरिंग और इन्फोर्समेंट तीनों का बराबर-बराबर योगदान होता है। लेकिन वर्तमान में एजुकेशन 15 प्रतिशत, इंजीनियरिंग 35 प्रतिशत और इन्फोर्समेंट 50 प्रतिशत हो रहा है, जो सही नहीं है। इंदौर महानगर तो बन गए गया है, लेकिन यहां के नागरिकों में महानगरीय मानसिकता नहीं आई।
समाजसेवी किशोर कोडवानी – 100 साल पहले पेट्रिक गिडीज ने शहर का जो मास्टर प्लान बनाया था, वह एकदम सही था। इस कारण एमजी रोड के चारों तरफ़ ट्रैफ़िक सुगम रहता है। हम ठेलेवालों को हटा रहे हैं, लेकिन उनके लिए हॉकर ज़ोन नहीं बना रहे हैं। कोई भी पार्किंग फ़्री नहीं होना चाहिए।
ट्रैफ़िक एक्सपर्ट प्रफुल्ल जोशी, मारोठिया बाज़ार के विशाल शर्मा, जेल रोड व्यापारी एसोसिएशन के राजकुमार शर्मा, टीआई मॉल के प्रबंधक कुणाल अग्निहोत्री, सी-21 मॉल के प्रबंधक अमित अरोरा, समाजसेवी अजय शारडा ने भी अपने विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम में उपाध्यक्ष प्रदीप जोशी, दीपक कर्दम, सचिव अभिषेक मिश्रा, कोषाध्यक्ष संजय त्रिपाठी, कार्यकारिणी सदस्य प्रवीण बरनाले, अभय तिवारी, राजेश राठौर, राजेंद्र कोपरगांवकर, प्रवीण जोशी, लक्ष्मीकांत पंडित, महेश मिश्रा, डॉ. अर्पण जैन, मुकेश तिवारी, नवीन जैन, शैलेश पाठक, अनिल शुक्ला, राजेंद्र गुप्ता के साथ ही शहर के गणमान्य लोग उपस्थित थे। आभार इंदौर प्रेस क्लब महासचिव हेमन्त शर्मा ने माना।
महापौर को भेंट की पुस्तकें
इंदौर प्रेस क्लब ने इस बार आतिथ्य परम्परा में नई पहल करते हुए अतिथियों को पुस्तकें भेंट करने की शुरुआत की। इसी के तहत प्रेस क्लब सदस्य प्रियेश जैन ने महापौर पुष्यमित्र भार्गव को उनके जन्मदिन के मौके पर अग्रिम बधाई देते हुए पुस्तकें भेंट की।
सांसद श्री लालवानी ने शपथ दिलाई
कार्यक्रम के अंत में सांसद शंकर लालवानी ने उपस्थित गणमान्य जनों को यातायात पालन करने के लिए शपथ दिलाई –
“हम शपथ लेते हैं कि हम सदैव यातायात नियमों का पालन करेंगे। तीन सवारी अथवा रॉन्ग साइड वाहन नहीं चलाएँगे। चौराहों पर रेड लाइट जम्प नहीं करेंगे और स्टॉप लाइन का पालन करेंगे। कार चलाते समय सीट बेल्ट और दो पहिया वाहन चलाते समय हेलमेट का उपयोग करेंगे। वाहन चलाते समय मोबाइल का उपयोग नहीं करेंगे। हम संकल्प लेते हैं कि जिस तरह स्वच्छता में हमने इंदौर को देश में सिरमोर बनाया है, उसी तरह यातायात नियमों के पालन तथा शहर के यातायात को सुगम बनाने में अपना योगदान देंगे।”