सड़क हादसे में मारे गए मृतक परिजनों से मिले विधायक

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पलायन को लेकर की बात, जल्द उठाएंगे कदम

सेंधवा से कपिलेश शर्मा

महाराष्ट्र के धुलिया के पास हुए दर्दनाक सड़क हादसे में मारे गए मृतकों के परिजनों से रविवार को सेंधवा विधायक ग्यारसीलाल रावत उन्हें सांत्वना देने उनके निवास पहुचे जहाँ पहुच कर उन्होंने मृतकों के परिजनों से दुःख साझा किया । इस दौरान विधायक रावत ने सभी मृतकों के परिजनों को अपनी और से 5000 रुपये एवं घायलों के परिवार को 2000 रुपये की सहायता प्रदान की । विधायक रावत ने बताया कि उन्होंने सभी मृतक एवं घायलों के परिजनों से बात की साथ ही क्षेत्र छोड़कर अन्य राज्य में मजदूरी करने जाने के सम्बंध पूछा तो उन्होनें बताया कि हमारे द्वारा एडवांश राशि ली जा चुकी रहती है इस हेतु हमे काम करने जाना होता है । शासन एवं अन्य स्तर पर पलायन हेतु किये जाने वाले प्रयासों के बारे रावत द्वारा बताया गया कि उनके द्वारा ग्राम पंचायत सचिवों को पिछली बैठकों में निर्देश दिया गए थे कि वे सभी अपने अपनी पंचायतों से मजदूरी हेतु जाने वाले ग्रामीणों का रिकॉर्ड रजिस्टर तैयार करे अब अगली बैठक में उनसे इस विषय मे प्रगति के बारे जानकारी लेकर पलायन हेतु ठोस नीति बनाई जाएगी । यदि किसी कारणवश पंचायत सचिवों द्वारा यह कार्य नही किया गया है एस डी एम एवं कलेक्टर से बात कर इस हेतु आदेश जारी करवा कर जल्द ही इस मुद्दे पर कार्य करना हमारी प्राथमिकता में रहेगा ।

यह था दर्दनाक हादसा
सेंधवा के पास महाराष्ट्र के धुलिया से 15 किलोमीटर दूर सड़क हादसे में सात लोगों की मौत हो गई थी और 19 लोग घायल हो गए थे जिनमें सभी निवासी सेंधवा विधानसभा के धवली क्षेत्र के निवासी थे । शनिवार रविवार दरमियानी रात सभी ग्रामीण पिकअप वाहन में बैठकर महाराष्ट्र मजदूरी के लिए जा रहे थे की तभी रात्रि 12.30 बजे असंतुलित पिकअप वाहन पुलिया से टकराकर नीचे नदी में गिर गया था । जिससे इस हादसे में 7 ग्रामीणों की मौत हो गयी थी । जिनमे महिला बच्चे भी शामिल थे ।

पलायन रहा है प्रमुख मुद्दा

क्षेत्र से रोजगार हेतु नियमित पलायन बद्दसुर जारी है , 15 वर्षो के भाजपा शासन फिर 1 वर्ष का नई कांग्रेस सरकार , दोनो ही इस मुद्दे पर अब तक विफल ही दिखलाई दी , कांग्रेस ने चुनाव के समय पलायन को मुद्दा बनाकर चुनाव भी लड़ा विजय भी हुए मगर 1 वर्ष के बाद भी अब तक इस मामले में कोई ठोस कार्यवाही नही हुई है । क्षेत्र में रोजगार की मार और अन्य राज्यो में ज्यादा मजदूरी के चलते क्षेत्र का मजदूर अन्य राज्यो में पलायित होने को मजबूर है । क्षेत्र में कई बड़ी घटना जैसे अन्य राज्यो में फैक्टरी के मालिकों , मुकरदमो द्वारा मजदूरों को बंधक बनाए जाने , तरह तरह के शोषण ,इस तरह के सड़क हादसों के बाद समय समय पर पलायन को लेकर बाते होती रही है मगर जमीनी हकीकत बयाने कुछ और ही रहा है । ठोस कपास उद्योग नीति के अभाव में सफेद सोने के गढ़ के नाम से जाना जाने वाला सेंधवा कस्बे के कपास उद्योग हाशिये पर है वहीं क्षेत्र में बढ़ता अपराध भी ग्रामीणों को अन्य राज्यो की और आकर्षित करता रहा है ।

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