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पंचकुंडीय गायत्री महायज्ञ के साथ होंगे विभिन्न संस्कार
देवास । गायत्री शक्तिपीठ साकेत नगर एवं गायत्री प्रज्ञापीठ विजय नगर पर मॉ सरस्वती के प्राकट्य दिवस एवं अखिल विश्व गायत्री परिवार के संस्थापक परम पूज्य गुरूदेव पं. श्रीराम शर्मा आचार्यजी के आध्यात्मिक जन्म दिवस के उपलक्ष्य में 09 फरवरी को विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जायेगा ।
गायत्री शक्तिपीठ जनसंचार विभाग के विक्रमसिंह चौधरी एवं विकास चौहान ने बताया कि वसंत उल्लास है, वसंत सुगंध है, वसंत मुस्कान है, वसंत सौंदर्य है, वसंत प्रकृति है, वसंत संगीत है और सर्वोपरि वसंत साधना हैं, जीवन का उत्कर्ष है । यह उत्कर्ष परम पूज्य गुरुदेव के माध्यम से गायत्री परिवार के परिजनों एवं सम्पूर्ण मानव जाति के जीवन में वसंत के रूप में ही प्रकट एवं प्रविष्ट हुआ । गुरुवर के उर की उर्वर भूमि में साधना के बीज वसंत पर बोए गए, जिसकी फसल आज भी धरा पर लहलहा रही हैं ।
इस अवसर पर 09 फरवरी को प्रात: 6 बजे से सायंकाल 6 बजे तक अखण्ड जप एवं सायंकाल 07 बजे से दीपयज्ञ गायत्री शक्तिपीठ की देवकन्याओं द्वारा कराया जाएगा । 10 फरवरी वसंत पंचमी को प्रात: 8.30 बजे से श्री वेदमाता गायत्री, परम पूज्य गुरूदेव पं. श्रीराम शर्मा आचार्य जी, वंदनीया माताजी भगवती देवी शर्मा एवं देवोव्हान व देवपूजन कर पंचकुण्डीय गायत्री महायज्ञ प्रारंभ होगा साथ ही दीक्षा, यज्ञोपवित, विद्यारंभ सहित विभिन्न संस्कार होंगे । प्रात: 11 बजे गायत्री महायज्ञ की पूर्णाहुति पश्चात आरती एवं महाप्रसाद का वितरण होगा । अपरान्ह 01 बजे से भारतीय संस्कृति ज्ञान परीक्षा के जिला स्तरीय मेधावी पुरस्कार एवं वार्षिक उत्सव के पुरस्कारों का वितरण होगा साथ ही अपनी संस्कृति के लिए विशेष पुरुषार्थ करने वाले शिक्षकों का सम्मान भी होगा ।
इसी प्रकार गायत्री प्रज्ञापीठ विजय नगर पर 09 फरवरी को सांयकाल 5 बजे से 7 बजे तक अखण्ड जप एवं 7.15 बजे से दीपयज्ञ होगा । 10 फरवरी को प्रात: 8.30 बजे से प्रज्ञापीठ की संरक्षिका दुर्गा दीदी के सानिध्य में पंचकुण्डीय गायत्री महायज्ञ किया जायेगा साथ ही दीक्षा, पुंसवन, विद्यारंभ सहित विभिन्न संस्कार होंगे। प्रात: 11.30 बजे गायत्री महायज्ञ की पूर्णाहुति पश्चात आरती एवं महाप्रसाद का वितरण होगा । गायत्री शक्तिपीठ के मुख्य प्रबंध ट्रस्टी महेश पंड्या एवं गायत्री प्रज्ञापीठ के मुख्य प्रबंध ट्रस्टी राजेन्द्र पोरवाल ने समस्त भावनाशील परिजनों से अनुरोध किया है कि इस आध्यात्मिक कार्यक्रम में सम्मिलित होकर पुण्य लाभ प्राप्त करें।