सभ्य सोच के साथ ताज़ा भोजन वितरित करने की शुरुआत

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*सभ्य सोच के साथ ताज़ा भोजन वितरित करने की शुरुआत*
इंदौर। हमारा शहर स्वच्छता में देश में प्रथम पायदान पर है और अब स्वास्थ्यगत क्षेत्र में भी तेजी से सुधार हो रहे हैं। इसी के बाद बात सभ्यता की आती हैं. इसको लेकर शहर के युवाओं का समूह जिसने नाम दिया है ‘सभ्य सोच-सभ्य भारत’ ने शहर के साथ-साथ राष्ट्र को सभ्य बनाने का आव्हान किया है। अब इसी के साथ सभ्य सोच फाउंडेशन द्वारा महात्मा गांधी जी की पुण्यतिथि से ही शहर में ताज़ा भोजन वितरण की परिकल्पना को पारुल जैन द्वारा रंग दिया जा रहा है।
महात्मा गाँधी का कथन है कि ‘दुनिया में ऐसे लोग है जो इतने भूखे है कि भगवान उन्हें किसी और रूप में नहीं दिख सकता बजाय रोटी के रूप में’। शहर की संस्था “सभ्य सोच फाउंडेशन” अपनी फ्रेश सोच के साथ “फ्रेश सोच फ्रेश फ़ूड” के नाम से फ़ूड शेयरिंग का अनूठा और अनमोल प्रयास ला रही है। संस्था के संस्थापक पारुल जैन ने बताया कि ‘हमारी संस्था जन-भागीदारी के साथ जरूरतमंद मेहनती लोगो तक आवश्यक भोजन पहुंचाने के लिए प्रयासरत है। इस कड़ी में 10 फ़रवरी 2019 से पूरे वर्ष प्रति रविवार संस्था द्वारा पूरे शहर में भोजन वितरण केंद्र ला रहे है, जिसमे एयरपोर्ट रोड कालानी नगर-मजदूर चौक, चोइथराम सब्जी मंडी के सामने, उद्योग नगर पालदा और नंदा नगर मैन रोड इन 4 सेंटर से शुरुआत कर रहे है। संस्था द्वारा इन सेंटर्स से कार्यकर्ताओ के साथ और अपने दान दाताओ के साथ मिलकर जरूरतमंद लोगो की जरुरत को पूरा करने का प्रयास किया जाएगा। लगभग 100 पैकेट प्रति सेंटर से प्रति रविवार को बाटने का उद्देश्य संस्था रखती है, इस कड़ी में संस्था जनभागीदारी के साथ प्रति रविवार आगे इन सेंटरों की संख्या भी बढ़ाते जाएंगे। लगभग 20 शहरों में संस्था इस तरह के प्रयास के लिए प्रयासरत है। लगभग 40 से ज्यादा बड़े प्रतिष्ठान और लगभग 3०० से ज्यादा मेम्बर्स द्वारा अभी तक सहायता राशि संस्था को दी जा चुकी है।’
इस प्रयास में जुड़ने के लिए आप www.sabhyasochsabhyabharat.com वेब पर या एप्लीकेशन के जरिये सहायता कर सकते है। सहायता के लिए आप कम से कम 5०/- रु प्रति पैकेट सहायता राशि दे सकते है। संस्था का मुख्य उद्देश्य हर जरुरत मेहनती तक अच्छा भोजन पहुँचाना है। इन जनभागीदारी से संस्थान द्वारा शहर के जरुरतमंदों तक ताज़ा भोजन उपलब्ध करवाया जाएगा। ‘सभ्य सोच-ताज़ा भोज’ जैसी परिकल्पना शहर में साकार होती नज़र आ रही है।

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