देवास बन्द करने का मजदूर पंचायत ने लिया निर्णय।

देवास बंद करेंगे मजदूर पंचायत में लिया निर्णय 
भंडारी फाईल्स, महाकाली फूड्स, अराध्य डिस्पोजल आदि कंपनियों के श्रमिकों ने मिलकर आयोजित की मजदूर पंचायत 
देवास। लोकतंत्र की मिठाई में पूंंजीवाद की कड़वी गोली छुपा कर जनता को खिलाई जा रही है। इसीलिए मजदूर आंदोलन के बावजूद सरकारें और जनप्रतिनिधि उद्योगपतियों की तो चिंता कर रहे हैं लेकिन मजदूरों के मुद्दों पर हल की बजाय हमला करवा रहे हैं। यह बात एआईयूटीयूसी के प्रदेेश अध्यक्ष कामरेड जे.सी.बरई ने मंडुक पुष्कर धरना स्थल पर आयोजित मजदूर पंचायत को सम्बोधित करते हुए कही। मुख्य वक्ता के तौर पर बोलते हुए जेसी बरई ने कहा कि मजदूर 18 हजार रूपये मासिक वेतन और श्रम कानूनों को लागू करते हुए सभी को नौकरी पर वापस लेने की मांग कर रहे हैं। जबकि सुप्रीम कोर्ट और सरकार के विभिन्न आयोग न्यूनतम आवश्यक कैलोरी के आधार पर न्यूनतम वेतन 28 हजार रूपये किए जाना स्वीकार कर चुके हैं फिर भी सरकारें इसे लागू नहीं कर रही हैं। मध्यप्रदेश के अतिरिक्त अन्य राज्यों में 10 से 15 हजार के बीच है। लेकिन हमारे यहां चंद सिक्के बढ़ाकर वाहवाही लूटने की राजनीति चल रही है। एआईयूटीयूसी देवास जिला इकाई द्वारा पिछले दिनों भंडारी फाइल्स, आराध्य डिस्पोजल, महाकाली फूड्स आदि कंपनियों के श्रमिकों की समस्याओं को अलग अलग तरीके से उठाया गया और इसी आंदोलन के क्रम में मजदूर पंचायत का आयोजन कर श्रमिकों की एकता बनाने की अपील करते हुए यूनियन के जिला प्रभारी हिमांशु श्रीवास्तव ने कहा कि कंपनी मालिक जब खुद को घाटे में दिखाकर कंपनियां बंद करते हैं मजदूरों को नौकरी से निकालते हैं तब वे कानूनों से बचने के लिए करोडों रूपया खर्च कर देते हैं। वहीं इस घाटे की पूर्ति के लिए जिन मजदूरों की बलि दी जाती है वे अपने बच्चों को दो वक्त की रोटी नहीं खिला पाते, लेकिन सरकारें और जनप्रतिनिधि इनकी चिंता करने की बजाय कंपनी मालिकों के घाटे को ही सर्वोपरि मानती है। मजदूर पंचायत को भेल एम्पलाईज वर्कर्स यूनियन भोपाल के उपाध्यक्ष हरिलाल, म.प्र. देनिक वेतनभोगी कर्मचारी महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष गोकुल राय के साथ साथ भंडारी फाईल्स आजाद मजदूर यूनियन के कमल कुमावत, महाकाली फूड्स भगतसिंह वर्कर्स यूनियन के सत्येन्द्रसिंह, आराध्य डिस्पोजल वर्कर्स यूनियन की नेहा बोडाना और रेखा भाटी ने सम्बोधित किया। पंचायत में अंतिम रूप से यह निर्णय लिया गया कि यदि जनप्रतिनिधि, नेता और तमाम अधिकारी मजदूरों की मांगों को गंभीरता से नहीं लेंगे तो देवास शहर बंद का आव्हान यूनियन के द्वारा किया जाएगा जिसे सफल बनाने में पंचायत में उपस्थित तमाम मजदूर अपनी सक्रिय भूमिका निभाएंगे। मजदूर पंचायत में बडी संख्या में मजदूर उपस्थित थे। सभा में यूुनियन के साथियों द्वारा मजदूर आंदोलन पर आधारित गीत प्रस्तुत किए गए