धनतेरस आज, 88 साल बाद 9 महायोग, 3 उत्सव भी रहेंगे*

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धनतेरस पर 88 साल बाद 9 महायोग रहेंगे। कार्तिक मास कृष्ण पक्ष में 5 नवंबर को धनतेरस पर्व मनाया जाएगा। धनतेरस पर 9 उत्सवों का महायोग भी रहेगा, जिसमें सदाशिव योग, मालव्य योग, हस्त नक्षत्र, त्रयोदशी, मास शिवरात्रि, सोम प्रदोष और हनुमान जयंती शामिल है। साथ ही व्यापार के देवता बुध की कन्या राशि पर चंद्रमा विराजमान रहेंगे। रात 8.39 बजे दग्ध नक्षत्र भी रहेगा। वहीं धन्वंतरि जयंती, कुबेर पूजन, यम तर्पण के 3 उत्सव भी रहेंगे। कई शुभ योगों से युक्त धनतेरस का यह सिद्ध मुहूर्त मंगल कार्यों के लिए विशेष शुभ और चिरस्थायी रहेगा।
ज्योतिषाचार्य सतीश सोनी के मुताबिक, हनुमान जी का जन्मदिवस साल में दो तिथियों में मनाया जाता है। पहला चैत्र माह की पूर्णिमा को और दूसरा कार्तिक माह कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को मनाया जाता है। पहली तिथि को जन्म दिवस और दूसरी तिथि को विजय अभिनंदन महोत्सव मनाया जाता है। शास्त्रों में इसका उल्लेख जन्मोत्सव के रूप में है। धनतेरस की रात त्रयोदशी तिथि रात 11.47 बजे खत्म होगी। उसके बाद चतुर्दशी तिथि पर हनुमान जयंती मनाई जाएगी।
रविवार रात 12.51 बजे आएगी त्रयोदशी तिथि, सोमवार रात 11.47 तक रहेगी : ज्योतिषाचार्य सुनील चोपड़ा ने बताया कि कार्तिक माह के कृष्णपक्ष त्रयोदशी तिथि को धनतेरस से धन की देवी के उत्सव का प्रारंभ होगा। त्रयोदशी तिथि रविवार की रात 12.51 से सोमवार रात 11.47 बजे तक रहेगी। इस दिन स्थिर लग्न में की गई खरीदारी अति फलदायक होगी। इस दिन धन्वंतरि जयंती भी मनाई जाती है। समुद्र मंथन के समय त्रयोदशी के दिन अमृत कलश हाथ में लेकर देवताओं के वैद्य भगवान धन्वंतरि प्रकट हुए। इन दिन भगवान धन्वंतरि का पूजन करने से आरोग्य का लाभ मिलता है। इस दिन शाम को 13 दीये जलाकर लक्ष्मी जी की पूजा करना चाहिए।
अकाल मृत्यु के भय से मिलेगी मुक्ति : इस दिन यमराज के निमित्त व्रत रखना व यम तर्पण करना चाहिए। शाम के समय दीपदान करना चाहिए। रात को तिल के तेल का चौमुखी दीपक घर के बाहर चौराहे पर रखने से अकाल मृत्यु के भय से मुक्ति मिलती है।

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