3,600 करोड़ रुपये के इस VVIP चॉपर सौदे के कथित बिचौलिए और ब्रिटिश नागरिक क्रिश्चियन मिशेल को भारत लाने की पूरी तैयारी हो गई है
भारत की जांच एजेंसियां मिशेल को मंगलवार को दुबई इंटरनैशनल एयरपोर्ट ले गईं, यहां से उसे भारत लाया जाएगा
नवंबर में कसेशन कोर्ट ने निचली अदालत के आदेश को बरकरार रखते हुए मिशेल के प्रत्यर्पण का रास्ता साफ कर दिया था
*नई दिल्ली*-(एजेंसी) अगुस्टा वेस्टलैंड हेलिकॉप्टर घोटाला मामले में भारत को बड़ी कामयाबी हाथ लगी है। 3,600 करोड़ रुपये के इस VVIP चॉपर सौदे के कथित बिचौलिए और ब्रिटिश नागरिक क्रिश्चियन मिशेल को भारत लाने की पूरी तैयारी हो गई है। भारत की जांच एजेंसियां मिशेल को मंगलवार को दुबई इंटरनैशनल एयरपोर्ट ले गईं। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक वहां से उन्हें भारत लाया जाएगा।
नवंबर में कसेशन कोर्ट ने निचली अदालत के आदेश को बरकरार रखते हुए मिशेल के प्रत्यर्पण का रास्ता साफ कर दिया था। खलीज टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक 54 वर्षीय मिशेल को दुबई एयरपोर्ट ले जाया गया है और वहां भारत लाया जाएगा। भारत ने 2017 में खाड़ी देशों से उनके प्रत्यर्पण की मांग की थी। सीबीआई और ईडी इस मामले में उनपर आपराधिक मामले के तहत जांच कर रहे थे।
ईडी ने जून 2016 में मिशेल के खिलाफ चार्जशीट फाइल की थी। इसमें कहा गया था कि उसने अगस्ता वेस्टलैंड से करीब 225 करोड़ रुपये प्राप्त किए। ईडी ने कहा था कि यह पैसा और कुछ नहीं, बल्कि कंपनी द्वारा 12 हेलीकॉप्टरों के समझौते को अपने पक्ष में कराने के लिए वास्तविक लेन-देन के ‘नाम पर’ दी गई ‘रिश्वत’ थी। फरवरी 2017 में उसे UAE में उसे गिरफ्तार कर लिया गया था। मिशेल के वकील ने आरोप लगाया था कि केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) उनके क्लाइंट पर दबाव बना रही है। हालांकि जांच एजेंसी ने इन आरोपों से साफ इनकार किया था।
CBI के प्रवक्ता अभिषेक दयाल ने जून में कहा था कि जांच एजेंसी ने मिशेल को अपना गुनाह कबूल करने के लिए प्रभावित नहीं किया। UAE में तब से भगोड़े के खिलाफ प्रत्यर्पण की कार्यवाही जारी थी। आपको बता दें कि अगुस्टा वेस्टलैंड से भारत के लिए वीवीआईपी हेलिकॉप्टर खरीदने की इस डील में बड़ी रिश्वत देने का खुलासा हुआ था। कॉन्ट्रैक्ट के तहत 12 VVIP चॉपर्स की आपूर्ति की जानी थी, जो 1 जनवरी 2014 को रद्द कर दी गई।
मिशेल उन तीन बिचौलियों में से एक हैं जिनके खिलाफ जांच की जा रही है। गुइदो हाश्के और कार्लो गेरेसा भी इस मामले में शामिल हैं। कोर्ट से गैरजमानती वॉरंट जारी होने के बाद दोनों एजेंसियों ने उसके खिलाफ इंटरपोल रेड कॉर्नर नोटिस जारी कर दिया था। ईडी को जांच में पता चला था कि मिशेल अपनी दुबई की कंपनी ग्लोबल सर्विसेज के माध्यम से दिल्ली की एक कंपनी को शामिल करके अगुस्टा वेस्टलैंड से रिश्वत ली। इसमें भारत के भी दो लोग शामिल थे। मिशेल ने इन आरोपों से इनकार किया था।
जनवरी 2014 में भारत ने इस सौदे से इनकार कर दिया था। सीबीआई के मुताबिक इस डील में 2,666 करोड़ रुपये का नुकसान का नुकसान हो रहा था। यह सौदा 8 फरवरी 2010 को किया गया था। इसके तहत 556.262 मिलियन यूरो में 12 हेलिकॉप्टर खरीदे जाने थे।