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प्रेम का डोनेशन एवं धर्म के प्रति डिवोशन ही है मानव जीवन का सार -शीलगुप्ता श्रीजी
कार्तिक पूर्णिमा महोत्सव एवं चार्तुमास परिवर्तन संपन्न
अनेक धार्मिक अनुष्ठानों का हुआ आयोजन
देवास। जीवन में यदि आगे बढऩा है तो प्रेम व ज्ञान का डोनेशन याने दान देना होगा और इसी के साथ परमपिता परमेश्वर, देव, गुरू एवं धर्म के प्रति डिवोशन याने संपूर्ण समर्पण भाव विकसित कर हम इस संसार सागर से पार हो सकते हैं। यही मानव जीवन की सार्थकता है। संकल्प, साधना एवं सिद्धि को आत्मसात करते हुए प्रभु के दर्शन पूजन एवं आज्ञा पालन का संकल्प लेकर प्रभु प्रदत्त मार्ग को सदैव स्मृति में रखकर इस साधना को करते हुए हम सिद्धि और सिद्धपद प्राप्त कर सकते हैं।
श्री शंखेश्वर पाश्र्वनाथ मंदिर तुकोगंज रोड पर कार्तिक पूर्णिमा एवंं चार्तुमास पूर्णाहूति परिवर्तन के उपलक्ष्य में आयोजित भव्य भक्ति महोत्सव में यह बात साध्वी जी शीलगुप्ता श्रीजी एवं शीलभद्रा श्रीजी ने कही । इस अवसर पर पूनम आराधना, शोभा यात्रा, चार्तुमास परिवर्तन, अंतर की अभिव्यक्ति, प्रवचन,नवाणुं प्रकारी पूजन एवं साधर्मिक भक्ति के विशेष कार्यक्रम संपन्न हुए।
जानकारी देते हुए प्रवक्ता विजय जैन ने बताया चातुर्मास परिवर्तन की शोभा यात्रा निकाली गई जो कि श्री आदेश्वर मंदिर बड़ा बाजार होकर लाभार्थी परिवार राजेन्द्र कुमार मांगीलाल जैन गौतमपुरावाला के निवास विजया रोड पर पहुंची। यहां पर धर्मसभा, एवं समाजजनों द्वारा चातुर्मास के अनुभवों की अंतर अभिव्यक्ति का विशिष्ट आयोजन हुआ। दोपहर 2 बजे टेकरी स्थित श्री शत्रुंजयावतार आदेश्वर मंदिर पर संगीतमय नवाणुं प्रकारी पूजन, शत्रुंजय पट दर्शन एवं सकल श्री संघ के स्वामीवात्सल्य का विशेष आयोजन हुआ। भाता वितरण नंदलाल नाथूलाल चौधरी परिवार द्वारा किया गया।
आगामी आयोजन
आगामी आयोजन के अंतर्गत 25 नवम्बर रविवार को दोपहर 2 बजे 18 अभिषेक महापूजन एवं पंचधातु प्रतिमा के गृह स्थापन महोत्सव का आयोजन होगा। जिसका लाभ कैलाश कुमार इंदरमल जैन भोमियाजी परिवार द्वारा लिया जाएगा। गीत संगीतमय इस आयोजन में मंत्रोच्चार एवं विधि विधान हेतु ब्रजेश भाई उज्जैन आएंगे। पाश्र्वनाथ म्युजिक गु्रप द्वारा प्रभु भक्ति की प्रस्तुति दी जाएगी।