मजदूरों के समर्थन में स्टाफ भी हड़ताल पर।

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देवास- भंडारी फाईल्स आजाद मजदूर यूनियन द्वारा हड़ताल के दूसरे दिन प्रदेश के सभी प्रशासनिक अधिकारियों को ज्ञापन सौंपा गया। कंपनी के मजदूर अलग अलग प्रतिनिधि मंडल के रूप में इंदौर श्रम आयुक्त कार्यालय, स्वास्थ्य एवं बीमा संचालक कार्यालय इंदौर, जिला कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक, श्रम पदाधिकारी, राज्यपाल, श्रम सचिव को ज्ञापन सौंप कर बताया कि मैनेजमेंट के द्वारा लगातार कानूनों का उल्लंघन किया जा रहा है एवं शिकायत करने पर मजदूर और यूनियन के खिलाफ कार्यवाही करने की धमकी दी जा रही है। आठ सूत्रीय मांगों के लिये भंडारी फाईल्स आजाद मजदूर यूनियन के बैनर तले कंपनी के 200 से अधिक मजदूर हड़ताल कर रहे हैं। शुक्रवार को मजदूरों की इस हड़ताल के समर्थन में कंपनी के स्टाफ के सदस्य भी ड्यूटी पर नहीं पहुंचे। कंपनी में लगातार दूसरे दिन भी पूरे दिन काम बंद रहा। यूनियन के पदाधिकारी मजीद खान ने बताया कि यदि शनिवार 13 अक्टूबर तक यूनियन के साथ मैनेजमेंट बात करने के लिये तैयार नहीं होता तो हम आंदोलन को जनता के बीच ले जाएंगे। लोकतंत्र में जनता ही सर्वोपरि होती है तो जनता ही तय करेगी कि 25 साल से कंपनी को खड़ा करने में लगे मजदूरों को 7 हजार रूपये से ज्यादा वेतन मिलना चाहिये या नहीं। मजदूरों के साथ सम्मान पूर्वक व्यवहार होना चाहिये या नहीं, खतरनाक जगह पर काम करने वाले श्रमिकों को सेफ्टी संसाधन मिलने चाहिये या नहीं। अगर जनता का समर्थन आंदोलन के साथ होगा तो हमें यकीन है कि कंपनी मैनेजमेंट का दिल भी मजदूरों की स्थिति को देखकर पसीजेगा और वे यूनियन के साथ बैठकर बात करेंगे। यूनियन के अन्य पदाधिकारी मनोहर ने बताया कि यूनियन के द्वारा धरने प्रदर्शन व रैली के अनुमति के आवेदन दिए गए है। पुलिस प्रशासन द्वारा नवरात्रि और आचार संहिता का बहाना बनाकर इन अनुमतियों में अड़ंगा लगाया जा रहा है जबकि आचार संहिता के बावूजद विभिन्न प्रकार के आयोजनों को अनुमति दी जा रही है। लेकिन मजदूरों की मांग के लिए किए जाने वाले आयोजन के लिए अनुमति न दिया जाना कई सवाल खड़े करता है। विजय सकलेचा ने बताया कि यूनियन पूरी तरह बातचीत के रास्ते पर ही चलने में भरोसा रखती है और मैनेजमेंट से लगातार बातचीत करने का प्रयास किया जा रहा है लेकिन उनके द्वारा बात करने से इनकार करने का परिणाम स्वरूप ही यह हड़ताल जारी है। जब तक मांगे नहीं मानी जाएंगी तब तक नित नए तरीके से आंदोलन चलाया जाएगा।

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