देवास- करनावद निवासी परीवादी अंबाराम पाटीदार द्वारा अपने अधिवक्ता प्रविण चौधरी कुणाल रवि जाटव के माध्यम से प्रथम श्रेणी न्यायिक मजिस्ट्रेट बागली के न्यायालय में प्रस्तुत परिवाद के अनुसार आरोपी जयराम पाटीदार निवासी करनावद ने उधार लिए रुपये चुकाने के लिए अंबाराम पाटीदार को, 6 लाख रुपये का चेक बैंक ऑफ़ इंडिया साखा करनावद का दिया था, जो कि आरोपी के खाते में पर्याप्त राशि नहीं होने के कारण बाउंस हो गया। जिसकी सूचना देने पर भी आरोपी जयराम पाटीदार ने परिवादी अंबाराम पाटीदार को रुपये नहीं दिए तो परिवादी द्वारा अपने अधिवक्ता प्रविण चौधरी कुणाल रवि जाटव के माध्यम से प्रथम श्रेणी न्यायिक मजिस्ट्रेट बागली के न्यायालय में परक्राम लिखित अधिनियम की धारा 138 के तहत परिवाद प्रस्तुत किया था ।जिस पर दोनों पक्षों की सुनवाई के पश्चात आरोप को सिद्ध पाया, दंड पर आरोपी के अधिवक्ता ने सहानुभूतिपूर्ण विचार किए जाने का निवेदन किया किन्तु प्रथम श्रेणी न्यायिक मजिस्ट्रेट बागली के द्वारा वर्तमान में जिस तरह से चेक अनादरण के अपराध बढ़ रहे हैं और चेक वाणिज्यिक विश्वसनीयता खंडित हो रही है उन परिस्थितियो मे आरोपी को शिक्षाप्रद दंड से दंडित किया जाना उचित है। आरोपी जयराम पाटीदार को परक्राम लिखित अधिनियम की धारा 138 के तहत कुल 7 लाख रुपये प्रतिकर एवम् 1 वर्ष की सजा से दंडित किया गया।
चेक बाउंस के मामले में एक वर्ष की सजा।
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