रंगोली करती है भारतीय संस्कृति का प्रदर्शन- डॉ. जैन
इंदौर | भारत की संस्कृति से भाषा, पर्व, समाज जैसा ही जुड़वा है रंगोली कला का भी | उक्त उदगार मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ ने आर्टजूका आर्ट एवं कला स्कूल में आयोजीत रंगोली प्रतियोगिता के विजेताओं के पुरस्कार वितरण के आयोजन में कही |
आर्टजूका आर्ट एवं कला स्कूल द्वारा भारतीय संस्कृति और हिन्दी भाषा विषयक रंगोली बनाना सिखाने के साथ प्रतियोगिता का आयोजन इंदौर के उषा नगर स्थित केन्द्र पर किया जिसमें मातृभाषा उन्नयन संस्थान द्वारा प्रतिभागीयों को पुरस्कृत किया और बतौर अतिथी राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ एवं मध्यप्रदेश प्रान्त सचिव डॉ. नीना जोशी , हिन्दी शिक्षिका साधना शर्मा शामिल रही |
पुरस्कार वितरण में कला केन्द्र की संचालिका रचना जोशी ने उर्वर्शी पोरवाल, दिया ठाकुर, शैली राठी, सुरभि राठी, फरहीन खान, राधिका नीमा, चाहत तोषनीवाल, रूची जैन, आयुषी, सलोनी जैन, मोनिका सोनी, उर्वर्शी धूत, रोमा आदि को पुरस्कृत किया|
रंगोली प्रतियोगिता के साथ हिन्दी भाषा के प्रचार का भी कार्य सम्पन्न हुआ जिसमें अतिथियों ने हिन्दी क्यों आवश्यक है इस विषय पर उदबोधन दिया|