17 उपाध्यक्ष, 71 महासचिव सहित 177 पदाधिकारियों को मध्यप्रदेश कांग्रेस ने किया नियुक्त
(डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’)
भोपाल। मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी की बहुप्रतीक्षित नियुक्ति सूची शनिवार देर शाम जारी हुई, जिसमें प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने अपनी कार्यकारिणी घोषित कर दी है।
टीम पटवारी में 17 उपाध्यक्ष, 71 महासचिव सहित 177 पदाधिकारियों को नियुक्त किया गया।
बता दें की जारी सूची में पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह और उनके बेटे विधायक जयवर्धन सिंह, पूर्व केन्द्रीय मंत्री कांतिलाल भूरिया और उनके बेटे विक्रांत भूरिया भी शामिल है पर कमलनाथ को तो शामिल किया नकुलनाथ को नहीं शामिल किया गया।
जो लोग पिछला विधानसभा अथवा लोकसभा चुनाव हार गए ऐसे हरल्ले नेताओं को संगठन में पदाधिकारी नियुक्त कर लिया गया पर कांग्रेस के कई कर्मठ कार्यकर्ताओं को जगह नहीं दी गई है। इसी सूची में सुरेन्द्र सिंह बघेल (हनी), हिना कांवरे और झूमा सोलंकी सहित 17 नेताओं को उपाध्यक्ष बनाया गया है, इसके अलावा 71 महासचिव, 16 कार्यकारिणी सदस्य, 33 स्थाई आमंत्रित सदस्य और 40 विशेष आमंत्रित सदस्य बनाए गए हैं। बता दें कि 10 महीने बाद जीतू पटवारी की 177 सदस्यीय टीम घोषित की गई है। कांग्रेस ने ये घोषणा तब की है जब आने वाले कुछ दिन में प्रदेश में उपचुनाव होने हैं।
जिनसे खतरा उन्हें बनाया एक्सिक्यूटिव कमेटी मेंबर
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी की नई टीम में युवा और वरिष्ठों के बीच संतुलन भी बनाया गया है। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ , दिग्विजय सिंह, पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण यादव, कांतिलाल भूरिया ,पूर्व नेता प्रतिपक्ष गोविंद सिंह, अजय सिंह राहुल, मीनाक्षी नटराजन, विवेक तन्खा एक्सिक्यूटिव कमेटी मेंबर बनाये गए हैं।
ये बने उपाध्यक्ष
विधायक आरिफ मसूद, पूर्व विधायक हिना कावरे, विधायक जयवर्धन सिंह, कुक्षी विधायक एवं पूर्व मंत्री सुरेन्द्र सिंह बघेल, महेश परमार, सुखदेव पांसे, प्रियव्रत सिंह सहित 17 उपाध्यक्ष बनाये गए।
कांग्रेस में कार्यकर्ताओं का टोटा, लोग वही सत्ता में, वही संगठन में
बीते 20 वर्षों में कांग्रेस संगठन की हालत मध्यप्रदेश में दिन-प्रतिदिन गिरती ही जा रही है। लोग लगातार कांग्रेस छोड़कर भाजपा या अन्य दलों का दामन थाम रहें है, उसके वजह भी यही है कि संगठन कार्यकर्ताओं में ख़ास ध्यान नहीं देता है। कांग्रेस में या तो अलाकमान की चलती है या फ़िर गुटबाज़ी के अनुसार काम होता है। कांग्रेस का बुरा हाल इस बार घोषित कार्यकारिणी में भी देखने को मिला। अधिकांश कांग्रेस के विधायक या सांसदों को ही संगठन में भी पद दें दिए, यानी सत्ता और संगठन के लिए नए चेहरों का कांग्रेस में टोटा पड़ गया है। कार्यकर्ताओं के मोहभंग का यह भी एक कारण है।
नाराज़गी के रुझान आना शुरू, टण्डन ने छोड़ी कांग्रेस
जैसे ही प्रदेश कांग्रेस कमेटी की नई टीम की लिस्ट जारी हुई, कुछ ही घण्टे में इन्दौर के पूर्व शहर कांग्रेस अध्यक्ष प्रमोद टण्डन ने पार्टी के सभी पदों से यहाँ तक कि प्राथमिक सदस्यता से भी इस्तीफ़ा दें दिया। इसी से कार्यकर्ताओ की नाराज़गी का अंदाजा प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी को लगा लेना चाहिए, पर हठधर्मिता का कोई हल नहीं होता।
अंधा बांटें रेवड़ी, अपने अपने को दें
10 माह बाद घोषित कार्यकारिणी की सूची में जहां पटवारी, दिग्विजय सिंह के समर्थकों की भरमार है वही कमलनाथ, अरुण यादव ,अजय सिंह , उमंग सिंघार , कांतिलाल भूरिया, सज्जन वर्मा के समर्थको के नाम नदारद है। मतलब साफ़ है पटवारी की मनमानी से कांग्रेस की प्रदेश में स्थिति जो भी हो पर सरकुटव्वल तय है।
पटवारी ने दी बधाई
जीतू पटवारी ने कार्यकारिणी की घोषणा पर सभी नव-नियुक्त पदाधिकारियों को बधाई दी है। उन्होनें सोशल मीडिया पर पोस्ट साझा किया और कहा,
“मुझे पूरा यकीन है कि आपके नेतृत्व और समर्पण से पार्टी को नई दिशा और उचाइयाँ मिलेंगी। हम सब मिलकर प्रदेश में कॉंग्रेस को मजबूत बनाएंगे। यह समय मिलकर जनता की आवाज बुलंद करने और प्रदेश में कॉंग्रेस के मजबूत भविष्य के निर्माण का है।”
मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी की नई कार्यकारिणी की घोषणा पर सभी नव-नियुक्त पदाधिकारियों को हार्दिक बधाई!
मुझे पूरा विश्वास है कि आपके नेतृत्व और समर्पण से पार्टी को नई दिशा और ऊंचाइयाँ मिलेंगी, और हम सब मिलकर प्रदेश में कांग्रेस को और मजबूत बनाएंगे।