श्रदालुओ की आस्थ का केंद्र है बदनावर का उड़निया मंदिर।

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सावन सोमवार विशेष

श्रदालुओ की आस्थ का केंद्र है बदनावर का उड़निया मंदिर

सावन माह में लगता है भक्तो का तांता

बदनावर – बदनावर में स्थित बैजनाथ मंदिर इन दिनों हर-हर महादेव के जयकारों से गूंज रहा है। आस-पास का वातावरण पूरी तरह से शिवमय हो गया है। भोले के भक्त दूर-दूर से आकर महादेव का जलाभिषेक कर रहे हैं। सावन का महीना शुरू होते ही शिव की भक्ति का महीना शुरू हो गया है।
मंदिर बदनावर के प्रवेश द्वार पर स्थित है। श्री बैजनाथ महादेव मंदिर का निर्माण दसवीं शताब्दी में हुआ था। इसे परमारकालीन समय में बनाया गया था। यह मंदिर 1984 से पुरातत्व विभाग के संरक्षण में हैं। 64 फीट ऊंचाई लिए यह मंदिर जितना बाहर से मनमोहक है, उतना ही अंदर से भी भव्य है। एक किंवदंती अनुसार कोई तपस्वी इसे अपने तपोबल से उड़ाकर ले जा रहे थे, लेकिन सूर्योदय होने से उन्हें मंदिर को यहीं पर उतारना पड़ा। संभवतः इसी कारण सामान्य तौर पर इसे उड़निया मंदिर भी कहा जाता है।

पूरी होती है मनोकामना

मंदिर में सबकी मनोकामना पूरी होती है। मंदिर में अभिषेक करने और पूजा करने का अत्यंत महत्व है। शिवजी को प्रसन्न करके मनोवांछित फल पाने के लिए हर श्रद्धालु उत्सुक रहते हैं। शिवलिंग के दर्शन मात्र से लोगों की मनोकामना पूरी होती है। सावन में प्रतिदिन श्रद्धालु सुबह से मंदिर आकर भगवान शिव का अभिषेक, पूजन करके दोष निवारण भी करते हैं।

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