मुकाबला जीतने के बाद मैरीकॉम ने निकहत जरीन से नहीं मिलाया हाथ, हुआ विवाद

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नई दिल्ली। एमसी मैरीकॉम ने ओलंपिक क्वालीफायर के लिए ट्रायल मुकाबला जीतने के बाद कहा कि उन्होंने यह विवाद शुरू नहीं किया था। 6 बार की विश्व चैंपियन एमसी मैरीकॉम ने निकहत जरीन को 9-1 से हराकर ओलंपिक क्वालीफायर के लिए टीम में 51 किग्रा वर्ग में जगह बनाई। दोनों मुक्केबाजों ने मैच खत्म होने के बाद हाथ नहीं मिलाया। मैरीकॉम ने युवा मुक्केबाज से गले लगने से भी मना कर दिया।
मैरीकॉम ने जरीन के खेलमंत्री किरेन रीजीजू को लिखे पत्र का जिक्र करते हुए कहा कि मुझे यह पसंद नहीं है, आप मेरा नाम बेकार के विवाद में खींच लेते हो और फिर सवाल पूछते हो। हां, मैं उससे गले नहीं लगी तो इसमें क्या हो गया? मैंने यह शुरू नहीं किया था, मैंने कभी नहीं कहा था कि मैं ट्रायल में नहीं लडूंगी तो आपने मेरा नाम क्यों खींचा?

मैरीकॉम ने पूर्व चयन विवाद का जिक्र किया, जिसमें राष्ट्रमंडल खेलों की कांस्य पदक विजेता पिंकी जांगड़ा से चुनौती मिली थी। उन्होंने कहा कि मैं भी इंसान हूं, मैं भी चिढ़ जाती हूं। जब इस तरह से मेरी उपलब्धियों पर सवाल उठाए जाते हैं तो क्या मैं गुस्सा नहीं हो सकती? और ऐसा पहली बार नहीं था। यह मेरे साथ कई बार हो चुका है, जबकि किसी अन्य मुक्केबाज ने वो हासिल नहीं किया, जो मैंने किया है।

उन्होंने कहा कि प्रदर्शन करो और मेरी जगह आओ, कौन आपको रोक रहा है? लेकिन इससे पहले ज्यादा बोलो मत। अगर आप ऐसा करोगे तो मैं आपको करारा जवाब दूंगी। इसे मेरे लिए ‘मीडिया ट्रायल’ क्यों बना दिया गया।

यह विवाद तब खड़ा हुआ जब भारतीय मुक्केबाजी महासंघ अध्यक्ष अजय सिंह ने विश्व चैंपियनशिप के बाद कहा कि मैरीकॉम का कांस्य पदक उन्हें ट्रायल्स से छूट देने के लिए काफी है, जबकि चयन नीति के अनुसार केवल स्वर्ण और रजत पदक विजेता को ही ओलंपिक क्वालीफायर के लिए सीधे स्थान मिलेगा।

उन्होंने कहा कि क्या मैंने वह घोषणा की थी? यह किसकी गलती थी, क्या यह मेरी गलती थी? मैं तो इसके बारे में जानती भी नहीं थी, मुझे यह बताया गया और मैं हैरान थी, क्योंकि मानसिक रूप से मैं उस समय ट्रायल के लिए तैयार थी। मैरीकॉम ने कहा कि जब ट्रायल की घोषणा हो गई तो क्या मैंने ऐसा कहा कि मैं नहीं आऊंगी? तो मेरा नाम बार-बार क्यों लिया गया?

वहीं जरीन ने कहा कि वह इस हार के बाद मजबूत वापसी करेंगी। उन्होंने कहा कि मुझे और मौका मिलेगा और मैं खुद को साबित करूंगी। अगर फरवरी में ओलंपिक क्वालीफायर से क्वालीफाई नहीं करती हूं तो मैं फिर से मई में होने वाले क्वालीफायर के ट्रायल के लिए खेलूंगी।

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